Ms subbulakshmi biography in hindi

Willa catheter autobiography of mission

एम॰ एस॰ सुब्बुलक्ष्मी

मदुरै शनमुखावदिवु सुब्बुलक्ष्मी (16 सितंबर 1916 - 11 दिसंबर 2004) मदुरै , तमिलनाडु की एक भारतीय कर्नाटक गायिका थीं । वह भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित होने वाली पहली संगीतकार थीं| वह 1974 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार  प्राप्त करने वाली पहली भारतीय संगीतकार हैं, जिसमें प्रशस्ति पत्र पढ़ा गया है "सटीक शुद्धतावादी श्रीमति एमएस सुब्बुलक्ष्मी को दक्षिण भारत की कर्नाटक परंपरा में शास्त्रीय और अर्ध-शास्त्रीय गीतों के प्रमुख प्रतिपादक के रूप में स्वीकार करते हैं। वह पहली भारतीय थीं जिन्होंने 1966 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रदर्शन किया था।"

एमएस सुब्बुलक्ष्मी
पृष्ठभूमि की जानकारी
जन्म नाम मदुरै शनमुखावदिवु सुब्बुलक्ष्मी
जन्म 16 सितंबर 1916

मदुरै , मद्रास प्रेसीडेंसी , ब्रिटिश भारत

मृत 11 दिसंबर 2004 (आयु 88)

चेन्नई , तमिलनाडु , भारत

शैलियां भारतीय शास्त्रीय संगीत
व्यवसाय शास्त्रीय गायक
सक्रिय वर्ष 1930-1997
लेबल एचएमवी
पति/पत्नी कल्कि सदाशिवम

जीवन

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श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी का जन्म १६ सितंबर१९१६ को तमिलनाडु के मदुरै शहर में हुआ। आप ने छोटी आयु से संगीत का शिक्षण आरंभ किया और दस साल की उम्र में ही अपना पहला डिस्क रिकॉर्ड किया। इसके बाद आपनी मा शेम्मंगुडी श्रीनिवास अय्यर से कर्णाटक संगीत में, तथा पंडित नारायणराव व्यास से हिंदुस्तानी संगीत में उच्च शिक्षा प्राप्त की। आपने सत्रह साल की आयु में चेन्नई ही विख्यात 'म्यूज़िक अकाडमी' में संगीत कार्यक्रम पेश किया। इसके बाद आपने मलयालम से लेकर पंजाबी तक भारत की अनेक भाषाओं में गीत रिकॉर्ड किये।

अभिनय

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श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी ने कई फ़िल्मों में भी अभिनय किया। इनमें सबसे यादगार है १९४५ के मीरा फ़िल्म में आपकी मुख्य भूमिका। यह फ़िल्म तमिल तथा हिन्दी में बनाई गई थी और इसमें आपने कई प्रसिद्ध मीरा भजन गाए।

प्रशंसा

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अनेक मशहूर संगीतकारों ने श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी की कला की तारीफ़ की है। लता मंगेशकर ने आपको 'तपस्विनी' कहा, उस्ताद बडे ग़ुलाम अली ख़ां ने आपको 'सुस्वरलक्ष्मी' पुकारा, तथा किशोरी आमोनकर ने आपको 'आठ्वां सुर' कहा, जो संगीत के सात सुरों से ऊंचा है। भारत के कई माननीय नेता, जैसे महात्मा गांधी और पंडित नेहरु भी आपके संगीत के प्रशंसक थे। एक अवसर पर महात्मा गांधी ने कहा कि अगर श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी 'हरि, तुम हरो जन की भीर' इस मीरा भजन को गाने के बजाय बोल भी दें, तब भी उनको वह भजन किसी और के गाने से अधिक सुरीला लगेगा। एम.एस.सुब्बालक्ष्मी को कला क्षेत्र में पद्म भूषण से १९५४ में सम्मानित किया गया।

जीवन लीला समापन

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श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी का देहांत २००४ में चेन्नैई में हुआ।

पुरस्कार/सम्मान

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संयुक्त राष्ट्र संघ में आप पहली भारतीय हैं जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nation) की सभा में संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत किया, तथा आप पहली स्त्री हैं जिनको कर्णाटक संगीत का सर्वोत्तम पुरस्कार, संगीत कलानिधि प्राप्त हुआ। १९९८में आपको भारत का सर्वोत्तम नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न प्रदान किया गया। संयुक्त राष्ट्र संघ सुब्बुलक्ष्मी की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में, एक डाक टिकट जारी करेगा[1]

भारत रत्न से सम्मानित होने वाली पहली संगीतज्ञ

हस्ताक्षर

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बाहरी कड़ियाँ

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अंग्रेज़ी में श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी के बारे में जालस्थल। यहां श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी के अनेक चित्र उपलब्ध हैं: [1]

  1. "संग्रहीत प्रति".

    मूल से 13 अगस्त 2016 को पुरालेखित.

    Biography actor eric stoltz bio

    अभिगमन तिथि 12 अगस्त 2016.

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